यूँ देखिए न ख़्वाब ज़रा सब्र कीजिए
उतरे तो यह नक़ाब ज़रा सब्र कीजिए
पीकर शराबे हुस्न मियाँ ज़िन्दगी हसीं
मत कीजिए ख़राब ज़रा सब्र कीजिए
क़ायम जो कर रहे हैं सुबो सुब येे राय, क्या
साेेंणा है आफ़्ताब ज़रा सब्र कीजिए
चलना ही जब है ख़ार पर इन आबलों के पा
ग़मगीं हैं क्यूँ जनाब ज़रा सब्र कीजिए
ढल जाएगा ये रोज़ गो आएगी रात पर
निकलेगा माहताब ज़रा सब्र कीजिए
जो दूध है वो दूध है कैसे उसे भला
कह पाऊँगा मैं आब ज़रा सब्र कीजिए
ग़ाफ़िल जी ये ग़ुमान! रहेंगी न इश्रतें
टूटेगा जब अज़ाब ज़रा सब्र कीजिए
-‘ग़ाफ़िल’
उतरे तो यह नक़ाब ज़रा सब्र कीजिए
पीकर शराबे हुस्न मियाँ ज़िन्दगी हसीं
मत कीजिए ख़राब ज़रा सब्र कीजिए
क़ायम जो कर रहे हैं सुबो सुब येे राय, क्या
साेेंणा है आफ़्ताब ज़रा सब्र कीजिए
चलना ही जब है ख़ार पर इन आबलों के पा
ग़मगीं हैं क्यूँ जनाब ज़रा सब्र कीजिए
ढल जाएगा ये रोज़ गो आएगी रात पर
निकलेगा माहताब ज़रा सब्र कीजिए
जो दूध है वो दूध है कैसे उसे भला
कह पाऊँगा मैं आब ज़रा सब्र कीजिए
ग़ाफ़िल जी ये ग़ुमान! रहेंगी न इश्रतें
टूटेगा जब अज़ाब ज़रा सब्र कीजिए
-‘ग़ाफ़िल’
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