प्यार क्या इक़्तिसार होता है
आप ही आप यार होता है
बात फ़ुर्क़त की सोच करके ही
दर्द बेइख़्तियार होता है
जी में खुबते हैं जूँ कई नश्तर
जब यक़ीं तार तार होता है
जी जला करके रौशनी की पर
कब किसे ऐतबार होता है
टूटना है नसीब आशिक़ का
कौन याँ ग़मगुसार होता है
दिल के उजड़े चमन का ग़ाफ़िल कौन
यूँ भी आबादकार होता है
(इक़्तिसार=जबरदस्ती, फ़ुर्क़त=ज़ुदाई, ग़मगुसार=हमदर्द, आबादकार=आबाद करने वाला)
-‘ग़ाफ़िल’
आप ही आप यार होता है
बात फ़ुर्क़त की सोच करके ही
दर्द बेइख़्तियार होता है
जी में खुबते हैं जूँ कई नश्तर
जब यक़ीं तार तार होता है
जी जला करके रौशनी की पर
कब किसे ऐतबार होता है
टूटना है नसीब आशिक़ का
कौन याँ ग़मगुसार होता है
दिल के उजड़े चमन का ग़ाफ़िल कौन
यूँ भी आबादकार होता है
(इक़्तिसार=जबरदस्ती, फ़ुर्क़त=ज़ुदाई, ग़मगुसार=हमदर्द, आबादकार=आबाद करने वाला)
-‘ग़ाफ़िल’
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