अभी तो मुझे लुत्फ़ आया कहाँ है
अभी तूने मुझको सताया कहाँ है
तेरे हर गिले हैं सर आँखों पे लेकिन
बता के मुझे आज़माया कहाँ है
चला आ रहा मुस्कुराता हुआ जो
अरे यार तू चोट खाया कहाँ है
न रखना था गर तो मुझे सौंप देता
तू दिल का ख़जाना लुटाया कहाँ है
अगर आग है तो यक़ीनन जलेगा
अभी आशियाना बनाया कहाँ है
तसव्वुर में भी मेरे आया नहीं जब
सनम वक़्त अपना बिताया कहाँ है
ज़रा जुंबिशे लब पे ही ये तमाशा
अभी शे’र मैंने सुनाया कहाँ है
अभी तेरे ख़ुश होने के दिन हैं ग़ाफ़िल
अभी दिल किसी से लगाया कहाँ है
-‘ग़ाफ़िल’
अभी तूने मुझको सताया कहाँ है
तेरे हर गिले हैं सर आँखों पे लेकिन
बता के मुझे आज़माया कहाँ है
चला आ रहा मुस्कुराता हुआ जो
अरे यार तू चोट खाया कहाँ है
न रखना था गर तो मुझे सौंप देता
तू दिल का ख़जाना लुटाया कहाँ है
अगर आग है तो यक़ीनन जलेगा
अभी आशियाना बनाया कहाँ है
तसव्वुर में भी मेरे आया नहीं जब
सनम वक़्त अपना बिताया कहाँ है
ज़रा जुंबिशे लब पे ही ये तमाशा
अभी शे’र मैंने सुनाया कहाँ है
अभी तेरे ख़ुश होने के दिन हैं ग़ाफ़िल
अभी दिल किसी से लगाया कहाँ है
-‘ग़ाफ़िल’
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