2122 1212 22
आर्ज़ू बाकमाल रखते हैं
माल हम बेमिसाल रखते हैं
है हमें इश्क़ का लिहाज़ ज़रा
यूँ तो हम भी सवाल रखते हैं
बचके जाए न एक भी मछली
इश्क़ का हम वो जाल रखते हैं
लुत्फ़ है यह के आपने जो कहा
हुस्न को हम सँभाल रखते हैं
आप ख़ुद को भी भूल जाएँ पर
हम तो सबका ख़याल रखते हैं
सादगी देखिए तो, हम ग़ाफ़िल
दिल जलाकर मशाल रखते हैं
-‘ग़ाफ़िल’
आर्ज़ू बाकमाल रखते हैं
माल हम बेमिसाल रखते हैं
है हमें इश्क़ का लिहाज़ ज़रा
यूँ तो हम भी सवाल रखते हैं
बचके जाए न एक भी मछली
इश्क़ का हम वो जाल रखते हैं
लुत्फ़ है यह के आपने जो कहा
हुस्न को हम सँभाल रखते हैं
आप ख़ुद को भी भूल जाएँ पर
हम तो सबका ख़याल रखते हैं
सादगी देखिए तो, हम ग़ाफ़िल
दिल जलाकर मशाल रखते हैं
-‘ग़ाफ़िल’
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