आपसे कैसी शिक़ायत दोस्तो
आप सबकी है इनायत दोस्तो
बज़्म में बदनाम करना आपकी
है बहुत पहले की आदत दोस्तो
खो गया था मैं अगर जज़्बात में
आपने क्या की मुरव्वत दोस्तो
चाँद के धब्बे को केवल देखिए
आपकी है यह शराफ़त दोस्तो
आज अपना ख़ूँ नहीं अपना रहा
क्या ग़ज़ब ठहरी ज़हानत दोस्तो
एक क़ाफ़िर को लगाया है गले
एक ग़ाफ़िल से अदावत दोस्तो
-‘ग़ाफ़िल’
आप सबकी है इनायत दोस्तो
बज़्म में बदनाम करना आपकी
है बहुत पहले की आदत दोस्तो
खो गया था मैं अगर जज़्बात में
आपने क्या की मुरव्वत दोस्तो
चाँद के धब्बे को केवल देखिए
आपकी है यह शराफ़त दोस्तो
आज अपना ख़ूँ नहीं अपना रहा
क्या ग़ज़ब ठहरी ज़हानत दोस्तो
एक क़ाफ़िर को लगाया है गले
एक ग़ाफ़िल से अदावत दोस्तो
-‘ग़ाफ़िल’
No comments:
Post a Comment