ज़माना कहे दिल दुखाने की रातें
हैं मेरे लिए आज़माने की रातें
बहुत ढूँढता हूँ मगर अब न मिलतीं
कहाँ खो गयीं आशिक़ाने की रातें
हज़ारों ख़ुशामद मगर रूठ जाती
हैं ख़्वाबों को मेरे सजाने की रातें
तसव्वुर में तेरे मैं ख़ुश हो तो लूँ पर
न याद आएँ गर रूठ जाने की रातें
मुझे टोकती हैं बहकने से पहले
तेरे साथ पीने पिलाने की रातें
हैं ग़ाफ़िल के सीने में रह रह के चुभतीं
तेरे हिज़्र में जी जलाने की रातें
-‘ग़ाफ़िल’
हैं मेरे लिए आज़माने की रातें
बहुत ढूँढता हूँ मगर अब न मिलतीं
कहाँ खो गयीं आशिक़ाने की रातें
हज़ारों ख़ुशामद मगर रूठ जाती
हैं ख़्वाबों को मेरे सजाने की रातें
तसव्वुर में तेरे मैं ख़ुश हो तो लूँ पर
न याद आएँ गर रूठ जाने की रातें
मुझे टोकती हैं बहकने से पहले
तेरे साथ पीने पिलाने की रातें
हैं ग़ाफ़िल के सीने में रह रह के चुभतीं
तेरे हिज़्र में जी जलाने की रातें
-‘ग़ाफ़िल’
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